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हिमाचल प्रदेश
HIMACHAL PRADESH
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राज्य खाद्य आयोग
State Food Commission

मध्याह्न भोजन

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 5 -1 (ख) के अनुसार राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित मेनू के अनुसार प्रत्येक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय में 6 से 14 साल तक के या कक्षा 1 से 8 तक पढने वाले सभी छात्र छात्राओं को प्रत्येक विद्यालय दिवस में दोपहर को गरम पका पकाया पौष्टिक भोजन निम्न मानक अनुसार मिलेगा:

वर्ग खाना का प्रकार कैलोरी की मात्रा प्रोटीन की मात्रा
कक्षा 1 से 5 तक पका-पकाया गर्म भोजन 450 12
कक्षा 6 से 8 तक पका-पकाया गर्म भोजन 700 20

• राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार प्रत्येक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रत्येक दिन (छुट्टी और अवकाश के दिनों को छोड़कर) मध्याह्न भोजन उपरोक्त मानक अनुसार बिना बाधा के लगातार मिलना है।

• मध्याह्न भोजन योजना हर हाल में चालु रहेगी। प्रधानाचार्य/मुख्याध्यापक को अधिकार दिया गया है की वे विद्यालय में उपलब्ध निधि का उपयोग इस कार्य के लिए करें।

• यदि स्कूल के किसी कार्यदिवस में मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो नियम 3 मे निर्दिष्ट प्रत्येक बच्चे को राज्य सरकार द्वारा, नियम 2 के उपबंध (ग), मे परिभाषित खाद्य सुरक्षा भत्ता बच्चों की पात्रता अनुसार अगले माह की 15 तारीख तक उपलब्ध करवाया जायेगा।

हिमाचल प्रदेश राज्य में मध्याह्न भोजनः योजना

प्राथमिक शिक्षा के लिए पोषण संबंधी सहायता के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एन0पी0-एन0एस0पी0ई) जिसे आमतौर पर मिड-डे-मील योजना या यूनिवर्सल मिड-डे-मील योजना (सरकार या सरकारी सहायता प्राप्त श्रेणी के सभी प्राथमिक स्कूलों के लिए) के रूप में जाना जाता है, राज्य में गर्म पकाए हुए भोजन परोसने की शुरुआत सितंबर, 2004 में हुई। इससे पूर्व सूखा राशन उपलब्ध कराया जाता था। पहले केवल सूखा राशन प्रदान किया गया और दूसरा, ज्यादातर मामलों में बच्चों को पीडीएस आउटलेट पर अपना कोटा एकत्र करना था। हालांकि, वर्तमान में एमडीएम हिमाचल प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पूरी तरह से कवर कर रहा है। सितंबर, 2007 से हिमाचल प्रदेश में सभी सरकारी, स्थानीय निकाय और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की 100 प्रतिशत कवरेज है। आम तौर पर परोसा जा रहा वास्तविक भोजन ज्यादातर स्कूलों में खिचड़ी हैं। ये स्कूल परिसर के भीतर रसोई घर शेडों में पकाया जा रहा है।